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अकेली नहीं है तू अब

अकेली नहीं है तू अब
पीछे खड़ी हैं सहेलियां सब
उठ बढ़ा हाथ कि सूरज है तेरा
छीन सकता नहीं कोई यह
अधिकार है तेरा
बढ़ चले हैं कदम अब
कर रहे हैं कदम ताल सब
अब न होगा अँधियारा यहाँ
कि एकल नारी शक्ति संगठन
का सहारा यहाँ
अकेली नहीं है तू अब
अबला नहीं सबला है
इस तूफ़ान का मुंह हमें मोड़ना है
वक्त पड़े तो क्या किसी से कम हैं हम
तिनका सही पर अब एक हैं हम.